पटाखा कारोबारी एवं जीएसटी विभाग की मिलीभगत, करोड़ों के माल को बना दिया लाखों का !

ड्रा में नहीं निकला नाम, मगर फिर भी शान से बेचेंगे दो नंबर के पटाखे
जालंधर, 11 अक्तबूर : जालंधर अटारी बाज़ार स्थित पटाखा कारोबारी राज कुमार जिसे "राजू पटाखा" के नाम से जाना जाता है और शहर के पहले तीन पटाखा व्यापारियों में जिनका नाम शामिल है, वह आज कल खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। क्योंकि कुछ दिन पहले जीएसटी विभाग द्वारा की गई चैकिंग व रेड के दौरान करोड़ों रूपए के स्टाक को केवल कुछ लाखों रूपए के बिल दिखाकर तगड़ी सैटिंग के दम पर पूरे मामले को रफा-दफा कर दिया गया था। जिसके बाद अब उक्त दुकानदार उसी दो नंबर के पटाखा स्टाक को पठानकोट चौक पर लग रही पटाखा मार्किट में सरेआम बेचने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।
हालांकि इस पूरे मामले में सबसे अधिक हैरान करने वाली बात यह है कि इन जनाब का नाम 20 कारोबारी जिनकी लाटरी ड्रा निकला था, उसमें है ही नहीं। ऐसे में वह कैसे सरेआम पटाखे बेच सकते हैं, यह अपने आप में सोचने वाली बात है।
इस पूरे मामले की अटारी बाज़ार के साथ-साथ पूरे शहर मे खूब चर्चा जारी है क्योंकि इनके कुछ विरोधी कारोबारियों का कहना है कि क्या कानून केवल उनके लिए ही बना है। क्योंकि यह न तो पटाखा स्टाक करने के गोदाम जो कि शहर को बीचो-बीच हैं वहां से यह ठीक प्रशासन की नाक के नीचे पटाखे बेचने का काम कर रहा है। सूत्रों की मानें तो इसका कुछ स्टाक तो अटारी बाज़ार स्थित इसकी दुकान के पास ही बने एक मकान व दुकानों मे पड़ा है। जबकि अन्य स्टाक प्रताप बाग व रेरू पिंड में रखा गया है। जिसकी जीएसटी विभाग को सारी जानकारी है, मगर लाखों रूपए की सैटिंग के चलते जीएसटी विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी आंखे मूंदकर कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो इस कारोबारी के पटाखा बेचने का स्टाईल बेहद निराला है, जिसके तहत दुकान में केवल सैंपल दिखाकर ग्राहक को कहा जाता है कि आप अपनी गाड़ी या तो प्रताप बाग टैंकी के पास लगाएं या फिर मिलाप चौक के पास खड़ी करें। दुकान से सैंपल दिखाकर आर्डर बुक कर लिया जाता है और पैसे लेकर एक स्टाफ को ग्राहक के साथ भेजकर उसकी गाड़ी में पटाखे सप्लाई कर दिए जाते हैं। ऐसा करके ठीक प्रशासन की नाक के नीचे मोटी काली कमाई की जा रही है।
क्या कहना है पटाखा कारेबारी राजू का ?
इस मामले में जब पटाखा कारोबारी राजू से बात की गई तो उनका कहना था, कि वह एक छोटो से व्यापारी हैं और जीएसटी में उनका मामला फिल्हाल लंबित है। ड्रा न निकलने के बावजूद पटाखे बेचने की बात पर उन्होंने इंकार न करते हुए गोलमोल जवाब देकर कहा कि आपको सारी बात का पता ही है। मगर अगले साल से वह कपड़े के कारोबार में ध्यान लगाएंगे या फिर करवा चौथ पर मंगलसूत्र बेचने का काम करेंगे। करोड़ों रूपए के स्टाक व जीएसी विभाग में की गई सैटिंग को लेकर भी उन्होंने साफ-साफ कुछ भी नहीं बताया। जिससे यह साफ हो जाता है कि दाल में कछ तो काला ज़रूर है।

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