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हम नहीं सुधरेंगे, हमें नहीं सरकारी आदेशों की कोई परवाह !

PUBLISH DATE: 17-09-2025

कुछ लालची कलर्क सरेआम एजैंटों को दे रहे वीआईपी ट्रीटमैंट, आरटीओ के आदेश टांगे छज्जे पर’ !


सफेद कमीज़शहद के नाम से जाने जाते एजैंटों पर हैं खास मेहरबान !


 


जालंधर, 17 सितंबर : पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की रेस में अव्वल नंबर रखने वाले परविहन विभाग के कुछ लालची कर्मचारी ऐसे हैं जो किसी चिकने घड़े की भंती बन चुके हैं। चाहे जितनी बार कहा जाए, मगर वह करप्शन करने से बाज़ नहीं आ सकते। ऐसा ही कुछ जालंधर के आरटीओ दफ्तर में काम करने वाले कुछ लालची किस्म के कलर्कों का हो चुका है। जो सरेआम न केवल आरटीओ के आदेशों को छज्जे पर टांगने का काम कर रहे हैं। मगर साथ ही साथ प्रदेश सरकार व परिवहन विभाग की करप्शन के प्रति नो टौलरैंस पालिसी की भी सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसे कलर्कों का मानना है कि चाहे कुछ भी हो जाए हम नहीं सुधरेंगे और न ही सरकार के किसी आदेश की कोई परवाह ही करेंगे।


क्या है मामला, कैसे आया सामने ?


आरटीओ दफ्तर सूत्रों की मानें को पिछले कुछ समय से मौजूदा आरटीओ अमनपाल सिंह ने काफी सख्ती बरतते हुए किसी भी एजैंट या निजी करिंदे के दफ्तर में प्रवेश करने पर पूर्ण पाबंदी लगाई हुई है। जिसके कारण बड़ी गिनती में एजैंट व निजी करिंदे अब दफ्तर के अंदर नज़र नहीं आ रहे हैं। मगर दो एजैंट ऐसे हैं जिनके ऊपर एक कलर्क बेहद मेहरबान हैं। यह एजैंट आरटीओ दफ्तर में "सफेद कमीज़""शहद" के नाम से खूब चर्चित हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक लगभग रोज़ाना ही इनको दफ्तर के बाहर बनी खिड़कियों पर खड़े रहकर दस्तावेज़ जमा करवाते हुए देखा जा सकता है। और बाद दोपहर यह दोनों बड़े आराम से कलर्क के पास बाकायदा तौर पर कुर्सी के ऊपर बैठकर किसी बड़े अफसर की तरह काम करवाते हुए देखा जा सकता है। सोचने वाली बात है कि आखिर उक्त कलर्क इन दोनों एजैंटों के ऊपर ही इतना मेहरबना क्यों है। जहां सभी एजैंटों व निजी करिंदों के लिए आरटीओ दफ्तर के दरवाज़े बंद रहते हैं, वहीं इन दोनों के लिए कैसे खुल जाते हैं।


सूत्रों के अनुसार हाल ही में शहद के नाम से जाने जाते एक एजैंट की आरटीओ दफ्तर के अंदर ही खूब बहसबाजी भी हुई थी। जिसमें कुछ लोगों ने उसके अंदर जाने व कलर्क द्वारा वीआईपी ट्रीटमैंट दिए जाने पर सवाल भी खड़े किए थे। इस दौरान आरटीओ दफ्तर के गेट पर तैनात सेवादार ने उक्त एजैंट को बाहर जाने के लिए भी कहा था। जिसके बाद उसने शिकायत करने वालों को देख लेने की धमकी देते हुए बदला लेने की बात भी की थी। 


 



 


 


विजीलैंस एवं विभाग के पास शिकायत देने की हो रही तैयारी


आरटीआई एक्टिविस्ट व समाज सेवक संजय सहगल ने विशेष बातचीत में कहा कि उनकी तरफ से पहले भी सरकारी दफ्तरों में व्याप्त करप्शन के मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाते रहे हैं। मगर आरटीओ दफ्तर के कुछ कलर्क बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके हैं। इसलिए वह सबूत सहित बहुत जल्दी विजीलैंस विभाग एवं परिवहन विभाग के उच्च-अधिकारियों के पास एक लिखित शिकायत देंगे, ताकि दोषी कलर्कों एवं एजैंटों के खिलाफ बनती कानूनी कारवाई की जा सके।