अस्थाई पटाखा मार्किट में करोड़ों का खेल ! 5 लाख किराए की जगह से करोड़ों वसूलने की चर्चा, शहर में मचा हड़कंप !
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अंदर की बात - PART 3
जालंधर, 13 अक्टूबर : दीपावली से पहले शहर में लगने वाली पटाखा मार्किट एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला सीधा-सीधा मुनाफाखोरी और मनमाने वसूली से जुड़ा बताया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पठानकोट चौक के पास लगने वाली पटाखा मार्किट के लिए महज़ 5 लाख रुपये किराए पर ली गई जगह से लगभग 1 करोड़ 12 लाख रुपये की कमाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, इस मार्किट में करीब 140 कारोबारी अपने-अपने ब्लॉक लगाने जा रहे हैं, जिनसे औसतन 80 हजार रुपये प्रति कारोबारी के हिसाब से रकम वसूली जा रही है। यह रकम “पटाखा मार्किट लगाने” के नाम पर ली जा रही है, लेकिन असल में यह करोड़ों रुपये के अवैध मुनाफे का खेल बन चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, 6 मुख्य पटाखा कारोबारी जिनके नाम क्रमशः वि..भं, रा.., जै.., भाटि.., अशो.. अश.. और र.. महा.. अक्षरों से शुरू होते हैं इस पूरे ऑपरेशन के कथित “मुखिया” हैं। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने अब तक हर कारोबारी से 50 हजार रुपये अग्रिम के रूप में ले लिए हैं और अब 30 हजार रुपये अतिरिक्त की मांग की जा रही है।
वसूली के नाम पर कहा जा रहा है कि यह पैसा ब्लॉक तैयार करने, बाउंड्री वॉल तोड़ने-बनाने, विभिन्न विभागों (जैसे जीएसटी, फायर, पुलिस आदि) से औपचारिक मंज़ूरियां लेने और कुछ तथाकथित मीडिया ठेकेदारों को खुश करने जैसे खर्चों के लिए लिया जा रहा है। मगर जानकारों का कहना है कि वास्तविक खर्च केवल कुछ लाखों में है, जबकि वसूली करोड़ों की की जा रही है।
शहर के व्यापारिक और सामाजिक हलकों में अब इस मुद्दे पर जोरदार चर्चा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि सिर्फ 5 लाख रुपये किराया देकर करोड़ों रुपये की वसूली आखिर किसकी जानकारी में हो रही है और क्या प्रशासन की नज़रों से यह सब ओझल है या किसी की मौन स्वीकृति से यह खेल चल रहा है?
इस बीच, कुछ दिन पहले डीसीपी नरेश डोगरा का दिया गया बयान फिर से चर्चा में है। उन्होंने सख्त लहज़े में कहा था कि “अगर किसी भी पटाखा मार्किट में 20 से अधिक दुकानें लगाई गईं, तो तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी।” उनके इस बयान की पूरे शहर में सराहना हुई थी। अब जनता की नज़रें पूरी तरह डीसीपी नरेश डोगरा पर टिकी हैं ताकि देखा जा सके कि क्या वाकई प्रशासन अपने ही शब्दों पर अमल करते हुए इस अवैध वसूली और मनमानी पर सख्त कार्रवाई करेगा।
शहरवासी अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि जालंधर पुलिस और जिला प्रशासन इस पूरे मामले की गहराई से जांच करे, ताकि दीपावली जैसे पवित्र त्यौहार की आड़ में चल रहे करोड़ों रुपये के इस कारोबार पर लगाम लगाई जा सके।

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