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हनी ट्रैप केस में जालंधर के ट्रैवल एजेंट सुखचैन सिंह राही बरी, अदालत ने कहा – आरोप साबित नहीं हुए

PUBLISH DATE: 03-11-2025

जालंधर  : जालंधर के चर्चित हनी ट्रैप केस में आर.एस. ग्लोबल के संचालक और जाने-माने ट्रैवल एजेंट सुखचैन सिंह राही को अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा और केस में पेश किए गए सबूतों से यह सिद्ध नहीं हुआ कि कोई जबरन शारीरिक संबंध बनाए गए थे।


मामले की शुरुआत उस वक्त हुई थी जब एक युवती, जो खुद भी वीज़ा कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत थी, ने राही पर होटल में रेप का आरोप लगाया था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए राही को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में राही की ओर से पेश किए गए CCTV फुटेज में दोनों को होटल में सामान्य बातचीत करते और एक-दूसरे के साथ सहज व्यवहार करते देखा गया। यही फुटेज राही की बेगुनाही की अहम कड़ी साबित हुई।


राही की ओर से केस की पैरवी सीनियर एडवोकेट मनीप सिंह सचदेव ने की, जिन्होंने अदालत में यह साबित किया कि शिकायतकर्ता युवती खुद ट्रैवल ट्रेड से जुड़ी थी और पूरे घटनाक्रम के पीछे ब्लैकमेलिंग की साजिश थी। अदालत ने माना कि अभियोजन के गवाहों के बयान परस्पर विरोधाभासी हैं और कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जा सका।


राही ने अदालत से बाहर निकलते हुए कहा, “मुझे कानून पर पूरा भरोसा था। सच की जीत हुई है। मुझे और मेरे परिवार को झूठे केस में बहुत परेशान किया गया, लेकिन आज इंसाफ मिला है।”


जानकारी के अनुसार, यह मामला शहर में उस समय सुर्खियों में आया था जब कई कारोबारी और ट्रैवल एजेंट्स से कथित तौर पर उगाही के प्रयासों की चर्चाएं थीं। राही द्वारा किसी भी तरह की राशि देने से इनकार करने के बाद ही यह झूठा केस रचा गया, ऐसा बचाव पक्ष का दावा था।


अदालत के इस फैसले के साथ ही राही को न केवल राहत मिली है, बल्कि पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर इस तरह के मामलों की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हुए हैं।


क्या हैं फैसले की मुख्य बातें ?




  • आरोप साबित न होने पर सुखचैन सिंह राही को अदालत ने बरी किया।




  • CCTV फुटेज और गवाहों के विरोधाभासी बयानों से बचाव पक्ष को मिला फायदा।




  • अदालत ने कहा – अभियोजन कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका।




 


यह फैसला शहर में चर्चित रहे हनी ट्रैप मामलों को लेकर एक महत्वपूर्ण नज़ीर माना जा रहा है।