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तहसलीदार-2 करेंगे बैक डेट में अष्टाम बेचने के आरोपी नितिन पाठक मामले की करेंगे जांच !

PUBLISH DATE: 11-09-2024

एसडीएम-2 ने लिखा पत्र, 5 दिन में मांगी रिपोईट, कुल 5 प्वायंटस पर देनी होगी रिपोर्ट


 


कोरोना काल के दौरान जब पूरे भारत में लाकडाऊन (LOCKDOWN) लगा हुआ था और सब लाेगाें काे अपनी जानमाल की चिंता सता रही थी। वहीं जालंधर के एक बेहद शातिर किस्म के अष्टामफराेश (STAMP PAPER VENDOR) नितिन पाठक (NITIN PATHAK) द्वारा कुछ अलग ही खेला चल रहा था। लाकडाऊन के दौरान उसने जहां एक दिन में 109 और 5 दिन मे कुल 156 अष्टाम बेच डाले, जिसमे कुछ बैक-डेट (BACK-DATE STAMP PAPER) भी थे।


इंकम-टैक्स विभाग, ( INCOME TAX DEPARTMENT) विजीलैंस (VIGILENCE BUREAU) एवं सरकार (PUNJAB GOVERNMENT) द्वारा प्रशासन (ADMNISTRATION)  काे लिखे जाने के बाद इस मामले में अभी केवल जांच ही चल रही है, मगर आज तक अष्टामफरोश के खिलाफ काेई कारवाई ही नहीं की गई।


अब इस मामले में एसडीएम-2 द्वारा तहसीलदार-2 के पास जांच सोंपी गई है। जिसके लिए बाकायदा तौर पर एक पत्र जारी करते हुए 5 दिन के अंदर-अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश भी दिया गया है। पत्र में मामले की पूरी जानकारी देने के साथ-साथ तहसीलदार-2 को कुल 5 प्वांयटस पर अपनी जांच केंद्रित करके रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है।


क्या है 5 प्वायंटस, जिनको लेकर की जाएगी जांच ?


अपने पत्र में एसडीएम-2 ने साफ किया है कि अष्टामफरोश नितिन पाठक को लाईसैंस गांव गाखल, तहिसील व जिला जालंधर के जारी किया गया है मगर फिर भी यह अष्टामफरोश अपने अलाट किए गए एरिये के इलावा तहसील के अंदर एक बूथ पर बैठकर कैसे बेच रहा है ? इस पूरे मामले में बूथधारक का क्या रोल है ?


इसके साथ ही अष्टामफरोश नितिन पाठक जिसको लाईसैंस गांव गाखल, तहिसील व जिला जालंधर का लाईसैंस दिया गया है, वह वहां किस जगह बैठकर अष्टाम बेचता है।


तीसरा सबसे एहम प्वायंट है कि मिति 27-03-2020 को अष्टामफरोश नितिन पाठक द्वारा भारी मात्रा मे अष्टाम बेचे गए थे, जबकि उस समय पूरे देश में लाकडाऊन लगा हुआ था। उस तारीख से पहले व बाद में उसके द्वारा कितने अष्टाम बेचे गए थे।


चैथा प्वयांट है कि अष्टामफरोश नितिन पाठक ने इंकम टैक्स विभाग के पास कुछ अष्टाम बेचने संबधी पिछली तारीख को कुछ बयान दर्ज करवाए थे। मगर पूरे देश में लाक़डाऊन लगा होने के कारण इतनी भारी गिनती में अष्टामों को देखकर ऐसा लगता है कि उनका इस्तेमाल गल्त तरीके से किया गया हो सकता है। क्या अष्टामफरोश पिछली तारीश में एंट्री करके बेच सकता है ? अगर नहीं तो इससे अष्टामफरोश द्वारा स्टैंप एक्ट की कौन-कौन सी धाराओं का उल्लंघन किया गया है ?


पांचवा और आखिरी प्वायंट जो पूछा गया है, वह यह कि क्या अष्टामफरोश के पास 2 बिक्री लाईसैंस हैं, अगर हैं तो कैसे जारी हुए हैं


इसके साथ ही तहसीलदार को इस बात की हिदायत भी जारी की गई है, कि अष्टामफरोश द्वारा बिक्री संबधी जो भी रजिस्टर या रिकार्ड मेनटेन किया गया है, उसको तुरंत कब्ज़े मे लिया जाए, ताकि उससे कोई छेड़छाड़ न की जा सके।


इसके साथ ही तहसीलदार को यह भी कहा गया है, कि अगर उनको डीसी दफ्तर या फिर एचआरसी शाखा से किसी प्रकार की कोई सहायत या किसी प्रकार के रिकार्ड की आवश्यता हो तो वह उनसे संपर्क करके ले सकते हैं।


मामले की जांच जारी है, नितिन पाठक ने नहीं दिया बयान, जांच मुकम्मल करके भेजी जाएगी रिपोर्ट – तहसीलदार-2


तहसीलदार-2 राम चंद बांगड़ जिनके पास इस पूरे मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है, जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि अष्टामफरोश नितिन पाठक 2 दिन पहले उनके पास आया था, मगर उसने अपने बयान दर्ज नहीं करवाए। रजिस्टर को लेकर उसका कहना है कि वह इंकम टैक्स विभाग के कब्ज़े में हैं। इसके साथ ही जिस बूथ पर वह बैठा करता था, उस बूथधारक को बुलाया गया है, बुधवार को उसके बयान भी दर्ज किए जाएंगे। मामले की जांच मुकम्मल करने के बाद रिपोर्ट अगली कारवाई के लिए जल्दी ही भेज दी जाएगी।


क्या है मामला, कैसे आया था सामने, कब क्या हुई कारवाई, क्या है ताज़ा स्थिति ?


इस मामले यह बताने लायक है कि जालंधर के एक मश्हूर चर्च के ऊपर इंकम टैक्स विभाग ने रेड (RAID) की थी, जिसमें शहर के नामी धार्मिक व्यक्ति की पड़ताल के दौरान उक्त अष्टामफराेश की भूमिका (INVOLVEMENT) सामने आई। जिसमें टैक्स बचाने के लिए कुछ अष्टामाें का इस्तेमाल करने की बात सामने आने पर जब उक्त अष्टामाें के बारे में पड़ताल की गई ताे पाया कि 27-03-2020 काे नितिन पाठक नाम के एक अष्टाम फराेश ने एक ही दिन में अपने रजिस्टर पर दर्ज सीरियल नंबर 3226 से 3382 तक कुल 109 अष्टामाें की बिक्री की, जबकि उस समय पूरे देश में लाकडाऊन लगा हुआ था। जिसमें यह भी पता चला कि सीरियल नं 3362 के बाद पैन की स्याही (INK) में भी फर्क है और सीरियल नं (SERIAL NO.) 3363 व 3364 ब्राईट मीडिया (BRIGHT MEDIA) काे बेचा गया और बाद में 3364 के बाद एक बार दोबारा से पैन की स्याही 3363 से पहले वाली ही इस्तेमाल की गई है। 


अष्टामफराेश नितिन पाठक की इंकम टैक्स एक्ट (INCOME TAX ACT), 1961 की धारा (SECTION) 131(1ए) के तहत आन-ओथ स्टेटमैंट (ON-OATH STATEMENT) 07-08-2023 काे विभाग (DEPARTMENT) द्वारा रिकार्ड (RECORD) की गई थी। जिसमें उसने इस बात काे स्वीकार किया था, कि 2 बैक-डेट (BACK DATE) के अष्टाम 27-03-2020 काे उसके द्वारा ब्राईट मीडिया बेचे हैं जाे असलीयत में उसने मई, 2023 काे बैक-डेट डालकर बेचे थे।


इसके पश्चात 11-08-2023 काे नितिन पाठक ने एक एफीडैविट (AFFIDAVIT) के साथ इंकमटैक्स विभाग के पास एक पत्र भेजा, जिसमें उसने लिखा कि 07-08-2023 काे दबाव व धमकी के चलते उससे बयान दर्ज करवाए गए कि उसने ब्राईट मीडिया काे अष्टाम बैक-डेट में बेचे हैं। जिसके चलते इंकम टैक्स विभाग की तरफ से उसे 18-08-2023 काे धारा 131(1ए) के तहत 22-08-2023 काे निजी तौर पर पेश हाेने के लिए सम्मन जारी किए गए थे, मगर वह उक्त तारीख काे पेश नहीं हुआ।


इसके बाद एक बार दाेबारा से 29-08-2023 काे उसे सम्मन भेजकर काफी जानकारी मांगी गई, मगर व न ताे पेश हुआ और न ही उसने काेई जवाब भेजा। जिसके बाद इंकम टैक्स विभाग की तरफ से डीसी के पास पूरे मामले की जानकारी देकर उसकी गहन पड़ताल करके बनती कारवाई के लिए लिखा गया था।


इस मामले की ताज़ा स्थिति यह है कि न ताे आज तक नितिन पाठक के खिलाफ कोई जांच की गई है और न ही काेई कारवाई की गई। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार द्वारा भी 26-04-2024 और बाद में 26-06-2024 काे डीसी जालंधर काे इस मामले की पड़ताल करके रिपाेर्ट 15 दिन के अंदर भेजने एवं उसके खिलाफ की गई कारवाई की जानकारी विजीलैंस ब्यूरो व शिकायतकर्ता काे भेजने के लिए एक चेतावनी पत्र भेजकर कहा गया था, मगर आज तक इस आदेश की पालना सुनिश्चित करना भी ज़रूरी नहीं समझा गया।  और अब तहसीलदार-2 के पास 5 प्वांयटस के ऊपर अपनी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।