पूरे विश्व में अग्रणी समाज सेवा संस्था लायंस क्लब इस इलाके में हुई दोफाड़ !
पूर्व एवं वर्तमान गवर्नर के बीच छिड़ी जंग, एक ने दूसरे पर लगाए बेहद गंभीर आरोप !
समाज को एक अच्छी सोच, दिशा एवं संदेश देने की जगह अपने ही सदस्यों के बीच बन रहे हास्य का पात्र !
न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में समाज सेवा के कार्यों को लेकर अग्रणी रहने वाली स्वयं सेवी संस्था लायंस क्लब हमेशा ही लोगों के बीच एक बेहद सम्मानजनक संस्था के तौर पर जानी जाती है। अगर इसी संस्था के दो वरिष्ठ पदाधिकारी आपस में ही भीड़ जाए तो उसे सूरत में न केवल उनके आसपास बल्कि इस संस्था के साथ पूरे विश्व में जुड़े हुए सदस्यों के बीच एक बेहद खराब संदेश जाना तय है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाब के एक बड़े भाग व हिमाचल एवं जम्मू कश्मीर तक फैली इस संस्था की एक शाखा जिसे लायंस क्लब जिला 321d के नाम से जाना जाता है, उसके पूर्व एवं वर्तमान गवर्नर के बीच एक जंग छिड़ चुकी है।
पुरी जिला के मुख्य के तौर पर जाने जाने वाले गवर्नर काफी वरिष्ठ एवं समाज के गण मान्य व्यक्ति होते हैं। लायंस क्लब के साथ जुड़े हुए हर सदस्य इनको अपना रोल मॉडल एवं पथ प्रदर्शक मानते हैं।
ऐसे में अगर उनके रोल मॉडल ही गलत दिशा में चल पड़े तो उसे संस्था की कोकरी होना एवं उसकी सांग को गहरा धक्का लगा तय माना जा सकता है।
क्या है मामला, कैसे दो बड़े पदाधिकारी आपस में भिड़े ?
क्लब सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कार्यकाल के दौरान जो इस जिला के मुखी एवं गवर्नर के पद पर तैनात रहे वह हैं, डॉ सुरेंद्र पाल सोंधी। जो कि वर्तमान में पावर कम विभाग के अंदर एक बेहद सीनियर पोस्ट पर तैनात है।
उनकी जगह लेने वाले इस साल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं बेगोवाल के साथ संबंध रखने वाले रशपाल सिंह बच्चाजीवी।
इन दोनों के बीच वर्तमान में छिड़ी जंग का आगाज उसे समय हुआ जब पूर्व गवर्नर द्वारा मार्क्स 2024 नाम से एक समारोह आयोजित करने हेतु लायंस क्लब के अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप में एक निमंत्रण पत्र डाला गया एवं पुरी जिला के साथ संबंध सभी लाइन मेंबरों को उसमें आने के लिए आमंत्रित किया गया।
इसी निमंत्रण पत्र को लेकर वर्तमान गवर्नर की तरफ से कड़ा एतराज जताया गया और उन्होंने सरेआम सामाजिक तौर पर पब्लिक प्लेटफॉर्म के ऊपर सभी व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश डालकर इस समारोह का बहिष्कार करने के लिए सभी सदस्यों को एक संदेश भेज दिया।
उनके द्वारा भेजे गए संदेश में साफ तौर पर कहा गया कि पूर्व गवर्नर द्वारा बिना उनकी सहमति के उनकी फोटो का निमंत्रण पत्र के ऊपर इस्तेमाल किया गया और इस समारोह के लिए ना तो उनके साथ कोई सलाह मशवरा किया गया और ना ही कोई राय ही की गई।
अपने संदेश में उन्होंने कहा कि पूर्व गवर्नर का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और ऐसे में इस तरह से बिना वर्तमान गवर्नर की सहमति के एक बड़ा समारोह करना सीधे तौर पर लायंस क्लब के संविधान के खिलाफ है।
इसीलिए उन्होंने अपनी जिला के सभी लाइन मेंबरों को भी इस समारोह का पूर्ण तौर पर बहिष्कार करने का आवाहन दिया।
देखें मौजूदा गर्वनर द्वारा समाराेह के बहिष्कार काे लेकर डाले गए संदेश
देखें पूर्व गर्वनर द्वारा किए जा रहे समारोह का निमंत्रण-पत्र, जिसकाे लेकर खड़ा हुआ है विवाद
पूर्व गवर्नर पर पैसों के गबन जैसे लगे गंभीर आरोप
केवल एक समारोह के बहिष्कार करने की बात होती तो फिर भी किसी हद तक उसे सही ठहराया जा सकता था मगर जिस प्रकार से वर्तमान गवर्नर की तरफ से पूर्व गवर्नर के ऊपर एक सदस्य द्वारा दी गई दान राशि के ₹50000 का गबन करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए उसके पत्र को सार्वजनिक किया गया उसको देखकर तो यही कहा जा सकता है कि समाज सेवा करने वाली लायंस क्लब जैसी संस्था में कुछ भी सही नहीं है।
अब पूर्व गवर्नर ने ₹50000 का सही में गबन किया यहां बात कुछ और थी मगर जिस प्रकार से वर्तमान गवर्नर की तरफ से यह सवाल खड़ा किया गया है उसको देखकर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि समाज सेवा करने का बड़ा दावा करने वाली लायंस क्लब जैसी इतनी बड़ी संस्था के अंदर दाल में कुछ कल जरूर है।
देखें पूर्व गर्वनर पर लगे आराेपाें काे लेकर मौजूदा गर्वनर द्वारा डाला गया संदेश