(हाल-ए-लायंस क्लब जलंधर PART-3) लायंस क्लब जालंधर में फूटा शो-काज़ नोटिस बंब, 10 सदस्यों पर दुर्व्यवहार एवं अनुशासन भंग करने के लगे गंभीर आरोप !
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2 जून की नामांकन बैठक में हुए हंगामे को लेकर लायंस क्लब प्रधान की बड़ी कार्रवाई
जालंधर, 17 जून : लायंस क्लब जालंधर के भीतर पिछले कुछ समय पहले शुरू हुआ विवाद थमने की जगह और भी गहराता जा रहा है। लगभग दो-फाड़ होने की कगार पर खड़े कभी एशिया का सबसे बड़ा क्लब होने का दर्जा प्राप्त इस समाज सेवी संस्था के अंदर अब नया शो-काज़ नोटिस बंब फूटने की सूचना प्राप्त हो रही है।
क्लब प्रधान लायन श्रीराम आनंद ने करीब 10 सीनियर सदस्यों को कड़े शब्दों में “शो-कॉज नोटिस” (कारण बताओ नोटिस) जारी किया है। नोटिस में 2 जून 2025 को आयोजित नामांकन बैठक के दौरान उनके द्वारा किए गए कथित दुर्व्यवहार को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
प्रधान श्रीराम आनंद से प्राप्त नोटिस की कापी के अनुसार, इन सदस्यों ने न सिर्फ मीटिंग में अनुशासन भंग किया बल्कि अध्यक्ष की छवि को धूमिल करने की भी कोशिश की।
किस-किस को जारी किया गया है शो-काज़ नोटिस ?
प्रधान श्रीराम आनंद से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडीजी एसएल कपूर, तत्कालीन पूर्व प्रधान मुनीश चोपड़ा. आने वाले नए प्रधान प्रभजोत सिंह सिद्दू के साथ अश्विनी सहगल, ललतेश भसीन, संजीव मड़िया, सतबीर सिंह भाटिया, हरभजन सैनी, जेपीएस सिद्दू, डा. पीजेएस अनेजा शामिल हैं।
आरोपों की सूची में किन मुख्य बातों का किया गया है उल्लेख ?
- बोर्ड की गोपनीय कार्यवाही को प्रेस में प्रकाशित करवाना।
- भूतपूर्व अध्यक्षों और जिला गवर्नरों को गुमराह कर उनके हस्ताक्षर करवाना।
- क्लब मीटिंग में हंगामा खड़ा करना और मंच पर जबरन कब्जा करना।
- पूर्व अध्यक्षों और नामांकन समिति की अध्यक्ष से माइक छीनना।
- चेयर की अवमानना और अनावश्यक आरोप लगाना।
- मंच पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग।
भारतीय न्याय संहिता (धारा 356) के अंतर्गत दीवानी और फौजदारी कार्रवाई की भी दी है चेतावनी
प्रधान श्रीराम आनंद ने अपने पत्र (सो-काज़ नोटिस) में लिखा है, कि उपरोक्त घटनाओं से क्लब की गरिमा को ठेस पहुंची है और उनकी व्यक्तिगत छवि भी खराब हुई है। नोटिस में सीनियर सदस्यों को दो दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने का अवसर दिया गया है। ऐसा न करने की सूरत में अध्यक्ष ने भारतीय न्याय संहिता (धारा 356) के अंतर्गत दीवानी और फौजदारी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस पूरे घटनाक्रम से लायंस क्लब के सदस्य स्तब्ध हैं और आने वाले दिनों में क्लब की कार्यप्रणाली पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
चिट्ठी लिखने वाले 35 सदस्यों में से 2 ने मांगी माफी - की घर वापिसी, 2 बोर्ड सदस्य ही नहीं
प्रधान श्रीराम आनंद का कहना है कि जिन 35 बोर्ड सदस्यों ने उनके खिलाफ चिट्ठी लिखी थी और अपने हस्ताक्षर किए थे, उसमें से 2 सदस्य ऐसे हैं जो बोर्ड मैंबर ही नहीं हैं। इसके साथ ही उनकी टीम के 2 सदस्य ने कहा है कि उनसे गलती हो गई थी, उनकी आत्मा कचोटती रही कि गलत कदम उठा लिया है, इसलिए उनकी घर वापिस हो चुकी है। इसके साथ ही शेष बचे 31 सदस्यों में से बड़ी गिनती के अंदर सदस्य उनको मीटिंग वाले दिन अपना समर्थन अवश्य प्रदान करेंगे, इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है।
मैंने 2 जून की मीटिंग के बाद ही शो-काज़ नोटिस देने का बनाया था मन, पर क्लब की बेहतरी के लिए टाला – श्रीराम आनंद
क्लब प्रधान श्रीरीम आनंद ने दैनिक सवेरा से विशेष बातचीत में बताया, कि 2 जून को क्लब की नामिनेशन कमेटी मीटिंग के अंदर जिस तरह से कुछ सदस्यों ने गलत व्यवहार किया और मर्यादा की सारी हदें पार कर दी थी। उसके बाद उन्होंने तब ही उनको शो-काज़ नोटिस जारी करने का मन बना लिया था। जिसे बाद में क्लब की बेहतरी के लिए इस फैसले को टाल दिया था। मगर जिस तरह से कुछ लोग केवल अपने निजी स्वार्थों की पूर्ती हेतु क्लब की छवि को खराब करने के साथ-साथ उनको निजी तौर पर टार्गेट करने के इरादे से षड़यत्र रच रहे हैं, क्लब के संविधान का सीधे-सीधे उल्लंघन कर रहे हैं। इसीलिए अब शो-काज़ नोटिस जारी किया गया है। अगर उक्त सदस्य तय अवधि में जवाब नहीं देते हैं, तो उस सूरत में उनके पास माननीय अदालत में जाने का दरवाज़ा खुला है।

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