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विधायक रमन अरोड़ा का हर गलत काम में दे रहे थे साथ, कुछ खुद को पूरे शहर का मीडिया अधिपति बताने वाले !

PUBLISH DATE: 20-06-2025

गिरफ्तारी के बाद सामने आया खेल, पूरी प्लानिंग व स्क्रिप्ट तैयार करके की जा रही थी कारोबारियों व भोली जनता से लूट


 


जालंधर, 20 जून : आप विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा की गई कड़ी कारवाई से जहां कुछ ही सालों में हज़ारों करोड़ रूपए कमाकर जनप्रतिनिध से धनप्रितिनिधि का सफर करने का खुलासा हुआ। वहीं दूसरी तरफ महानगर में हुए कई नाजायज़ काम भी आम जनता के साथ-साथ विभिन्न एजैंसियों के सामने उजागर हो गए। शहर में चल रहे नाजायाज़ बिल्डिंगों को जायज़ ठहराने व खुद को कारोबारियों का सबसे बड़ा हितैषी साबित करके पीठ पीछे उनको ही लूटने के इस नायाब गोरखधंधे से भी पर्दा हट गया। रमन अरोड़ा पर हुई कारवाई के बाद अब उनके कार्यकाल में किए गए गोलमाल को लेकर विजीलैंस अब पूरी तरह से सजग हो चुकी है। और जांच में उन कारोबारियों को भी शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने पैसे देकर अपने नाजायज़ कामों पर जायज़ वाला चोला डलवाया था। जालंधर के व्यापारी वर्ग को अब ऐसे कथित हितैषियों से सावधान रहने की जरूरत है जो व्यापार का मुखौटा पहनकर निजी स्वार्थ साध रहे हैं। आने वाले दिनों में विजिलेंस इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकती है।


खुद को मीडिया के अधिपति व कर्ताधर्ता बताने वालों ने विधायक के साथ मिलकर कूटी मोटी चांदी


वैसे तो शहर में ऐसी बिल्डिगों की सूची बहुत लंबी है, मगर एक इमारत ऐसी है, जिसमें विधायक के साथ-साथ खुद को मीडिया के अधिपति व कर्ताधर्ता बताने वालों ने भी मोटी चांदी कूटी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मीडिया की कुछ काली भेड़ें जो विधायक रमन अरोड़ा के लिए बिचौलिए का काम कर रहे थे, उनकी तरफ से शहर में बन रही अवैध बिल्डिंगों के मालिकों के पास जाकर खुद को जालंधर के पूरे मीडिया का भगवान बताकर लाखों रूपए की अवैध वसूली की जाती थी और कहा जाता था, कि आप मीडिया की तरफ से निश्चिंत हो जाओ, अगर कोई भी आपके पास आता है, तो हम संभाल लेंगे। बाद में यही गैंग विधायक रमन अरोड़ा व एटीपी सुखदेव विश्ष्टि के साथ पूरी प्लैनिंग करके विधायक रमन अरोड़ा की काली कमाई करवाने में सहायता करते थे। इस तरह से करोड़ों रूपए का खेल शहर में खेला गया।


फगवाड़ा गेट की एक अवैध बिल्डिंग में मीडिया की काली भेड़ों ने विधायक के साथ मिलकर तैयार की लूट की पूरी स्क्रिप्ट


वैसे तो विजीलैंस के पास काफी जानकारी पहुंच चुकी है। मगर मिलाप चौक से फगवाड़ा गेट स्थित लवली इलैक्ट्रिक की जहां से पहले 5-6 लाख की मीडिया मैनेजमैंट की गई, उसके बाद नगर निगम का एक एटीपी अपना हिस्सा ले गया। जिसके बाद एक अन्य एटीपी पूरा लाव-लश्कर लेकर अवैध बिलिडंग पर कारवाई करने पहुंच गए। मगर पहले से लिखी गई स्क्रिप्ट के अनुसार फिल्मी स्टाईल में किसी हीरो की भांति विधायक रमन अरोड़ा स्कूटर पर ही मौके पर पहुंच जाते हैं और नगर निगम को कारवाई करने से रोक लेते हैं। जिसके बाद शुरू होता है बिल्डिंग मालिक के साथ सैटिंग का खेल। जिसमें मिडिया कर्मियों के साथ-साथ इसी बाज़ार में दुकान खोलकर बैठे एक व्यक्ति द्वारा लाखों रूपए के अंदर सौदा करवाया जाता है।


क्या नगर निगम अवैध रूप से बनी ऐसी बिल्डिंगों पर करेगी कारवाई ?


अब सोचने वाली बात है कि यह बिल्डिंग तो बन चुकी है, मगर क्या नगर निगम अब इसके ऊपर एवं अन्य ऐसी अवैध बिल्डिंगों पर कारवाई करती है या नहीं। इसका पता तो आने वाले समय में ही लगेगा, मगर शहर की कुछ समाज सेवी संस्थाओं द्वारा सीएम पोर्टल पर इस पूरे मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है।


शिकायतों की जांच में हुआ खुलासा


सूत्रों के अनुसार, रमन अरोड़ा का एक खास कारिंदा, जो खुद को व्यापारी बताकर विभिन्न मार्केट्स में गतिविधियां चला रहा था, असल में व्यापारियों के ही खिलाफ काम कर रहा था। आरोप है कि वह व्यापारियों के गुप्त दस्तावेज, प्रस्तावित योजनाएं और कारोबार से जुड़ी जानकारी संबंधित विभागों तक पहुंचाकर निजी हित साध रहा था।


विजिलेंस को मिली शिकायतों के अनुसार, उपरोक्त व्यक्ति ने कई ऐसी बिल्डिंग और मार्केट्स में 'नकली व्यापारियों' के नाम से योजनाएं पास करवाईं जिनका उद्देश्य व्यापारिक समुदाय को नुकसान पहुंचाना था। साथ ही, यह भी सामने आया है कि इसने प्लानिंग विभाग में प्रभावशाली संपर्कों के बल पर नियमों को ताक पर रखकर कई योजनाएं पास करवाईं।


रमन अरोेड़ा व एटीपी सुखदेव की काल डिटेल एवं व्हाटसएप चैट अगर हुई सर्वजनिक तो मीडिया जगत में आएगा भूचाल


सूत्रों का कहना है कि अगर रमन अरोेड़ा व एटीपी सुखदेव की काल डिटेल एवं व्हाटसएप चैट र्वजनिक तो मीडिया जगत में भूचाल आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि शहर की पूरी मीडिया के तथाकथित मठाधीश एवं उनके चमचों के नाम सबसे अधिक नज़र आएंगे। 


व्यापारियों में रोष, कार्रवाई की उठ रही मांग


शहर के व्यापारियों में इस पूरे मामले को लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि ऐसे लोग जो व्यापारिक हितों के नाम पर अंदरूनी तोड़फोड़ कर रहे हैं, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी संदिग्ध गतिविधियों की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।


बिल्डिंग मालिक ने किसी को भी पैसे देने से किया इंकार,कहा विधायक आए ज़रुर थे, मगर पैसों का कोई मामला नहीं


लवली इलैक्रट्रिक के मालिक सतबीर सिंह लवली जिनकी बिल्डिंग को लेकर हाल ही में कुछ नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जब उनके साथ बात की गई तो उन्होंने इस बात को तो स्वीकार किया कि नगर निगम की कारवाई के दौरान विधायक वहां आए थे। मगर उन्होंने किसी को भी कोई पैसा देने से साफ इंकार कर दिया।


 



 


अवैध निर्माण कार्यों विजीलैंस करे जांच, नगर निगम करे बनती कारवाई : मुनीष बाहरी



अखिल भारतीय शिवसेना राष्ट्रवादी तांगड़ी ग्रुप के जिला अध्यक्ष मुनीष बाहरी ने लद्धेवाली चौक से लेकर फगवाड़ा गेट, शेखां बाजार एवं सतनाम बाजार क्षेत्र में पिछलें समय से चल रहे अवैध निर्माण कार्यों की विजिलेंस जांच की मांग की है। मुनीष बाहरी ने कहा कि नगर निगम और राजनीतिक संरक्षक मिलकर इस अवैध निर्माण को संरक्षण दे रहे हैं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है।


उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस विभाग से इन निर्माण कार्यों की निष्पक्ष जांच करवाई जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही पैसे देकर बनाई गई अवैध बिल्डिंगों पर भी नगर निगम द्वारा बनती कारवाई की जाए। जिसमें मुख्य रूप से फगवाड़ा गेट में बनी कई बिल्डिंगे शामिल हैं।


 


सोचने वाली बात है कि बिना किसी आग के इतना धुंआ कैसे निकल रहा है ?


बिल्डिंग मालिक के जवाब से कई नए सवाल भी खड़े हो गए हैं, कि क्या विधायक वैसे ही घूमते-फिरते वहां पहुंच गए थे ?


क्या वाकई बिल्डिंग में कोई अवैध निर्माण हुआ था या नहीं ?


क्या एटीपी सुखदेव विश्ष्ठ द्वारा विधायक के साथ मिलकर भेजे गए झूठे नोटिस की भांती यह मामला भी पूरी तरह से फर्जी था ?


क्या नगर निगम की टीम वहां किसी गलत इरादे से गई थी ? 


अगर बिल्डिंग सही है तो फिर कारवाई के लिए डिच के साथ क्यों गए थे ?


अगर बिल्डिंग में कुछ अवैध निर्माण है तो बाद में उसे वैसे ही क्यों छोड़ दिया गया, कोई कारवाई क्यों नहीं की गई ?