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प्रधानमंत्री ने पंजाब और पंजाबियों का अपमान किया

PUBLISH DATE: 11-09-2025

भाजपा नेताओं ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए पंजाब से धोखा किया


"हिंदी नहीं आती" वाली टिप्पणी कर प्रधानमंत्री ने पंजाब की आवाज़ दबाने की कोशिश की: हरदीप सिंह मुंडियां


कहा, भयानक बाढ़ में लोग डूब रहे हैं और प्रधानमंत्री को मज़ाक सूझ रहा है


"प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सिर्फ़ हमारे लिए प्रोटोकॉल"


"प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भाजपा नेताओं की गाड़ियों और मोबाइलों के लिए अलग और हमारे लिए अलग नियम बनाए गए"


चंडीगढ़, 10 सितंबर :


भयानक बाढ़ से प्रभावित पंजाब के लिए राहत राशि बढ़ाने की मांग करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई "हिंदी नहीं आती" जैसी व्यंग्यात्मक टिप्पणी पर प्रदेश के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज कहा कि ऐसी टिप्पणी कर प्रधानमंत्री ने पंजाब की आवाज़ को दबाने की कोशिश की है।


यहाँ जारी बयान में उन्होंने कहा कि एक ओर जहाँ लोग भयानक बाढ़ में डूब रहे हैं, ऐसे मौके पर प्रधानमंत्री को मज़ाक सूझ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की कल की पंजाब यात्रा केवल पी.आर. एक्सरसाइज थी, जिसका पंजाब के लोगों का भला करना बिल्कुल भी उद्देश्य नहीं था।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों, जो पंजाब के लोगों की प्रतिनिधिता कर रहे थे, के लिए अलग प्रोटोकॉल अपनाया गया जबकि भाजपा नेताओं के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं था। उन्होंने बताया कि हमें मुलाकात स्थल से काफी पीछे ही गाड़ियों से उतार दिया गया जबकि भाजपा नेता अपनी निजी गाड़ियों में मुलाकात स्थल के बिल्कुल बाहर जाकर उतरे। इसी तरह हमारे फोन बाहर जमा करवा लिए गए जबकि भाजपा नेता और वहाँ तैनात सुरक्षा अमला बिना किसी रोक-टोक अपने फोन इस्तेमाल कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हम सबके साझा और आदरणीय हैं, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आई कि यह कैसा प्रोटोकॉल है कि प्रधानमंत्री से कोई हाथ भी नहीं मिला सकता, क्योंकि हमें पहले ही आदेश दे दिया गया था कि आप प्रधानमंत्री से हाथ नहीं मिलाना।


श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि प्रधानमंत्री को पंजाब के अधिकारियों ने पावरपॉइंट प्रेज़ेंटेशन और वीडियोज़ के ज़रिए राज्य में आई बाढ़ की जानकारी दी, जिस पर प्रधानमंत्री ने खुद माना कि हिमाचल प्रदेश से कहीं अधिक नुकसान पंजाब में हुआ है। लेकिन जब मैंने उनसे हाथ जोड़कर 1600 करोड़ रुपये की जगह ज़्यादा राहत राशि की घोषणा करने की मांग की तो उन्होंने मेरी बात को दरकिनार करते हुए मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि "आपको हिंदी नहीं आती, मैंने 1600 करोड़ देने की घोषणा तो की है।" जब मैंने कहा कि यह राहत राशि नुकसान के मुकाबले बहुत कम है तो उन्होंने फिर कहना शुरू कर दिया कि "इसे हिंदी सिखाओ" और साथ ही पंजाब भाजपा नेता भी उनकी हाँ में हाँ मिलाते हुए मुझे ही चुप करने लगे।


उन्होंने सवाल किया कि यदि ऐसी ही स्थिति में प्रधानमंत्री देश के किसी दक्षिणी राज्य में गए होते तो क्या वहाँ भी इतना गंभीर मुद्दा उठाने वालों को चुप कराने के लिए "हिंदी सिखाओ" जैसे जवाब देते?


उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का भी बहुत दुख है कि जब पंजाब पिछले 40 सालों की सबसे भयानक बाढ़ झेल रहा है तो पंजाब भाजपा इकाई के नेता पंजाब और पंजाबियों के साथ खड़े होने की जगह अपने आकाओं को खुश करने के लिए हमारी आवाज़ बंद करने का प्रयास कर रहे हैं।


राजस्व मंत्री ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री से राहत राशि बढ़ाने की गुज़ारिश कर रहा था तो केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू मेरा हाथ दबाकर मुझे चुप रहने के लिए कह रहे थे, जिससे साफ़ पता चलता है कि वे पंजाब का ज़रा भी भला नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि बिट्टू के साथ उस मौके पर मौजूद पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा भी चुपचाप खड़े रहे।