05:38 Wed, Sep 03, 2025 IST
jalandhar
polution 66 aqi
29℃
translate:
Wed, Sep 03, 2025 11.26AM
jalandhar
translate:

डा. जशनीव कपूर बनाम राजन सिद्दू मामले में कौन सही और कौन गलत, कैसे होगा फैसला ?

PUBLISH DATE: 03-09-2025

करोड़ों रूपए के इस लेन-देन की क्या है सच्चाई ?


आयकर विभाग व ईडी की जांच में हो सकता है दूध का दूध और पानी का पानी !


 


जालंधर, 3 सितंबर : पिछले कुछ दिनों से शहर के अंदर एक हाई-प्रोफाईल मामला खूब सुर्खियां बटोर रहा है। यह मामला है कथित तौर पर कपूर हस्पताल के मालिक डा. जश्नीव कपूर बनाम हैडक्वार्टर व सन्नी साईड-अप नामक रैस्टोरैंट से अपनी पहचान बनाने वाले कारोबारी राजन सिददू के बीच चल रहे प्रापर्टी विवाद का। जिसमें राजन सिद्दू ने ब्याज पर पैसे देने के नाम पर उसकी लगबग 23 करोड़ की प्रापर्टी को हड़पने जैसे गंभीर आरोप डा. कपूर पर लगाए गए हैं। अब इस मामले में कौन सही और कौन गलत,इसका फैसला तो पुलिस या अन्य एजैंसियों की जांच से ही हो सकता है।


पिछले कुछ दिनों से शहर में पत्रकारों का एक वर्ग राजन सिद्दू को सही ठहराते हुए एक जैसी खबरें प्रकाशित कर रहा है। और एक वर्ग डा. कपूर को सही ठहराते हुए खबरें प्रकाशित कर रहा है। लेकिन जब से इस मामले की शुरूआत हुई है कई उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। मगर इस पूरे मामले की असली सच्चाई तो केवल तभी सामने आ सकती है जब करोड़ों रूपए की इस डील – जिसे कोई सीधा-साधा प्रापर्टी खरीदने व बेचने का मामला कह रहा है, तो दूसरी तरफ एक पक्ष इसे खून चूसने वाला ब्याज लेकर खराब नीयत के चलते 23 करोड़ की प्रापर्टी को हड़पने की सोची-समझी साजिश कह रहा है। इस मामले में एक फायनैंसर की आडियो भी वायरल की गई है। जिसके बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। जिसमें सबसे एहम है कि इतनी बड़ी राशी के लेन-देन में सफेद और काले धन का इस्तेमाल किया जाना। इस मामले में जुड़े दो पक्षों के इलावा एक तीसरा पक्ष भी है, जिसका कहना है कि इसके लिए आयकर विभाग और ईडी की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है।


आने वाले कुछ दिनों में कई और आडियो वायरल किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है वहीं दूसरी तरफ एक पक्ष की तरफ से केवल ब्लैकमेल करने के लिए झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाए जाने को लेकर भी कई सबूत पेश किए जा सकते हैं।


इस मामले में कौन सही साबित होता है और कौन गलत, यह तो आने वाला समय ही बेहतर बताएगा, मगर फिल्हाल इस हाई-प्रोफाईल मामले में शहर के कई रसूखदार, अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले तथाकथित छुटभैय्ये नेता और मीडिया का एक वर्ग अपनी पूरी भूमिका अदा कर रहे हैं। इसलिए दिल्ली अभी दूर लग रही है और पुलिस की जांच से पहले कई बड़े खुलासे, कई स्कैंडल व एक-दूसरे पर छींटाकशी की संभावना बनी हुई है।