09:53 Thu, Sep 18, 2025 IST
jalandhar
polution 66 aqi
29℃
translate:
Thu, Sep 18, 2025 11.26AM
jalandhar
translate:

राहत नहीं, अपमान”: अमन अरोड़ा ने पीएम मोदी के राहत पैकेज को बताया “क्रूर मज़ाक”

PUBLISH DATE: 10-09-2025

मोदी जी ने पंजाब के दर्द से मुँह मोड़ लिया : अरोड़ा


चंडीगढ़, 9 सितंबर : पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के सूबा प्रधान श्री अमन अरोड़ा ने भयानक बाढ़ के कारण 20,000 करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान का सामना कर रहे सूबे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए 1600 करोड़ रुपए के "निगूने" राहत पैकेज पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए इसे बाढ़ पीड़ित पंजाब के साथ घटिया मजाक करार दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पंजाब में बाढ़ कारण बने हालात का जायजा लेने के लिए पंजाब के दौरे पर आए थे।


श्री अरोड़ा ने केंद्र पर तीखे शब्दी हमले करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने सूबे को कोई ठोस राहत, जिसकी उनसे उम्मीद थी, देने की बजाय सूबे के साथ "भद्दा मजाक" किया है।


श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यहां आकर सूबे के हालात देखने के बाद भी यह निगूना पैकेज देकर समूचे पंजाबियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि जब हमारे किसानों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है और उनके घर, फसलें, पशु बाढ़ में बह गए हैं, तो ऐसा सब कुछ ध्यान में रखते हुए केंद्र का हुंकारा न केवल बेहद निंदनीय और निगूना है बल्कि पंजाब का घोर अपमान है। उन्होंने कहा कि 1600 करोड़ रुपए हर उस नागरिक के मुँह पर थप्पड़ हैं, जिन्होंने बाढ़ में अपना सब कुछ गवा दिया है।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार सूबे के लिए केंद्र द्वारा रोके हुए फंडों के 60,000 करोड़ रुपए और बाढ़ राहत पैकेज के लिए 20,000 करोड़ रुपए तत्काल जारी करने की लगातार मांग कर रही है, पर श्री मोदी द्वारा दी गई यह निगूनी सहायता पंजाबियों के साथ एक घटिया मजाक है। उन्होंने कहा कि यह पंजाबियों की दुर्दशा प्रति केंद्र की स्पष्ट अनदेखी को दर्शाता है।


श्री अमन अरोड़ा ने कहा, "पंजाब की जिंद-जान, हमारी खेतीबाड़ी, बुरी तरह बरबाद हो गई है। हमारे किसानों ने जिन फसलों को अपने पुत्रों की तरह पाल रखा था, वे कटाई से सिर्फ़ 15-20 दिन पहले ही तबाह हो गईं हैं। उनके पास दुबारा बुआई का कोई मौका नहीं है। हमारे किसान पूरे सीजन की आमदनी गंवा चुके हैं।" उन्होंने बताया कि कुल 4.80 लाख एकड़ कृषि ज़मीन प्रभावित हुई है और सबसे अधिक नुकसान झोने को हुआ है जो 3.71 लाख एकड़ से अधिक रकबा बनता है।


उन्होंने बताया कि 1988 से बाद अब तक की सबसे भयानक बाढ़ ने 52 कीमती जानें ले ली हैं और बाढ़ कारण 2000 से अधिक गांवों के लगभग 4 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर हुए नुकसान को देखते हुए पुनर्वास के लिए व्यापक प्रयासों की भारी ज़रूरत है।


उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को तत्काल जिम्मेदारी की भावना से नुकसान का मूल्यांकन करना चाहिए और इस आपदा की गंभीरता और देश के लिए पंजाब के बड़ेमुल्ले योगदान को देखते हुए एक व्यापक राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए।


इस मुश्किल घड़ी में पंजाब के ऐतिहासिक योगदान और केंद्र की नजरअंदाज करने संबंधी नीति के बीच स्पष्ट अंतर पर रोशनी डालते हुए श्री अमन अरोड़ा ने कहा, "आज़ादी संग्राम से लेकर देश के अन्न भंडार भरने तक, पंजाब हमेशा देश की तलवार और ढाल रहा है। सूबे के किसानों ने दशकों से भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया है और हमारे जवानों ने इसकी सरहदों की बहादुरी से रक्षा की है। अब जब हमारी अपनी जमीन बाढ़ में डूब रही है और हमारे लोग दुखों और मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, फिर भी भारत सरकार का रवैया सिर्फ मांगों से मुँह फेरने वाला है।"