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नेपाल संकट में भारतीय फंसे, केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

PUBLISH DATE: 11-09-2025

भाजपा नेता गौरव लूथरा बोले – यूक्रेन व इरान की तर्ज पर चलाया जाए बचाव अभियान


जालंधर, 11 सितंबर : नेपाल में जेनरेशन-जेड आंदोलनकारियों के कारण फैली अराजकता ने वहां न केवल नेपाली नागरिकों बल्कि बड़ी संख्या में फंसे भारतीयों को भी संकट में डाल दिया है। इस नाजुक हालात को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के अनिवासी भारतीय प्रकोष्ठ के सह-संयोजक गौरव लूथरा ने केंद्र सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि जिस तरह यूक्रेन-रूस युद्ध और इरान संघर्ष के दौरान केंद्र सरकार ने भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष अभियान चलाए थे, उसी तर्ज पर नेपाल में फंसे लोगों को भी स्वदेश लाया जाना चाहिए।


लूथरा ने जानकारी दी कि नेपाल में फंसे भारतीयों में पंजाब के करीब पचास लोग शामिल हैं। इनमें पर्यटक, खिलाड़ी और श्रमिक भी हैं, जो पिछले कुछ दिनों से लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर भारतीय दूतावास और भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कई वीडियो में लोग रोते-बिलखते हुए तत्काल सहायता की अपील करते दिख रहे हैं। “ये हालात बेहद चिंता जनक हैं, क्योंकि भारतीय नागरिक भी उसी तरह की हिंसा और अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं जैसी वहां के स्थानीय लोग झेल रहे हैं,” लूथरा ने कहा।


भाजपा नेता ने इस बाबत केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने जोर देकर कहा कि परिवारजन अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी को लेकर बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे संदेशों और अपीलों से यह स्पष्ट है कि हालात सामान्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने पहले भी युद्ध और आपात स्थितियों में सराहनीय भूमिका निभाई है। यूक्रेन और इरान में फंसे भारतीयों को जिस तेजी और सुरक्षा के साथ वापस लाया गया था, वही भरोसा आज नेपाल में फंसे भारतीयों को दिलाने की जरूरत है।”


नेपाल में बिगड़े हालात


नेपाल में हाल के दिनों में जेनरेशन-जेड आंदोलनकारियों की सक्रियता बढ़ी है। राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक चुनौतियों और सामाजिक असंतोष की पृष्ठभूमि में यह आंदोलन उग्र होता जा रहा है। जगह-जगह झड़पों, हिंसा और अव्यवस्था की खबरें आ रही हैं। इसका सीधा असर वहां मौजूद विदेशी नागरिकों, खासकर भारतीयों पर भी पड़ रहा है। भारत-नेपाल की खुली सीमा और गहरे सामाजिक-आर्थिक रिश्तों के कारण हजारों भारतीय रोज़ाना नेपाल आते-जाते रहते हैं। ऐसे में वहां हिंसा और अराजकता का फैलना दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है।


“भारत सरकार पर है भरोसा”


गौरव लूथरा ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत सरकार इस दिशा में जरूरी कदम उठा रही होगी। “हमारी सरकार ने बार-बार साबित किया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है। नेपाल संकट में भी वही संजीदगी और तत्परता दिखाई जाएगी,” उन्होंने कहा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास जल्द ही राहत और बचाव अभियान की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे।


परिवारों में बेचैनी


पंजाब सहित अन्य राज्यों से नेपाल गए भारतीयों के परिवारजनों में भी गहरी चिंता व्याप्त है। जो वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं, उनमें अपने परिजनों की व्यथा देखकर परिवारजन व्याकुल हैं और सरकार से हर संभव प्रयास की मांग कर रहे हैं। कई परिवारों ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के जरिए भी अपनी अपील दिल्ली तक पहुंचाई है।


कूटनीतिक चुनौती भी


विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में मौजूदा संकट भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती भी है। एक ओर वहां अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, वहीं दूसरी ओर नेपाल के साथ ऐतिहासिक रिश्तों और आंतरिक हालात में सीधा हस्तक्षेप न करने की कूटनीतिक संवेदनशीलता भी बनी हुई है। ऐसे में भारत सरकार को संतुलित और प्रभावी रणनीति अपनानी होगी।


गौरव लूथरा की अपील के साथ यह मुद्दा अब और गंभीर हो गया है। देखना होगा कि केंद्र सरकार किस तेजी से कदम उठाती है और नेपाल में फंसे भारतीयों को कब तक सुरक्षित स्वदेश लाया जा पाता है।