डीसी दफ्तर में बूथ अलाटमैंट मामले के अंदर अधिकारियाें पर लगे पक्षपात के आराेप, डीसी के पास पहुंची शिकायत !
बाेली की शर्ताें काे मौके पर बदलने एवं चहेताें काे फायदा पहुंचाने के लगे गंभीर आराेप
पुरानी बाेली रद्द करने एवं दाेबारा से पूरी प्रक्रिया करवाने की लगाई गुहार
जालंधर के डीसी दफ्तर में बूथ अलाटमैंट और विवादाें का लंबे समय से चाेली-दामन का साथ बना हुआ है। चाहे बूथाें काे सबलैट करने, बूथाें पर परमीशन के इलावा अन्य काराेबार करना, लंबे समय तक किराया न चुकाना, एक ही बूथ पर कई लाेगाें का एक साथ बिजनस करना, डीसी द्वारा जारी हिदायतों की सरेआम धज्जियां उड़ाना आदि आम बात हाे चुकी है। मगर इस बार हाल ही में हुई कुछ बूथाें की बाेली काे लेकर डीसी दफ्तर के अधिकारियाें की नियत पर ही सवालिया निशान खड़े हाे गए हैं।
कुछ सफल बाेलीदाताओं द्वारा डीसी के पास एक लिखित शिकायत सौंपकर उनके साथ पक्षपात करने संबंधी बेहद गंभीर आराेप लगाए गए हैं। इतना ही नहीं बाेली काे दाेबारा से करवाने की भी गुहार लगाई गई है। जिसके बाद अब प्रशासन द्वारा करवाई गई बाेली काे लेकर पूरी तहसील में सवाल खड़े हाे चुके हैं। आने वाले दिनों में इसे ही लागू किया जाता है या फिर दाेबारा से बाेली करवाई जाएगी, यह ताे बाद में ही पता लगेगा, मगर इस शिकायत ने अधिकारियाें की साख काे गहरा धक्का लगाने का काम किया है।
क्या है मामला, क्याें की गई है शिकायत ?
यहां बताने लायक है कि 29 जुलाई, 2024 काे डीसी दफ्तर में कुछ बूथाें की अलाटमैंट काे लेकर बाेली का आयाेजन किया गया था। जिसके पश्चात इस बाेली काे लेकर कुछ लाेगाें के बीच संशय की स्थिति पैदा हुई और प्राप्त जानकारी के अनुसार 6-7 सफल बाेलीदाताओं ने डीसी के पास एक लिखित शिकायत देकर कहा है कि जब बाेली की शुरूआत हुई ताे उन सबकाे मौखिक रूप से बाेली की शर्ताे में एक नया बदलाव करते हुए कहा गया कि हर व्यक्ति जाे बोली देने का इच्छुक है उसे 1 हज़ार रूपए की बाेली कम से कम 3 बार देनी हाेगी, तभी उसे मान्य माना जाएगा। जिसके चलते हर बूथ पर कम से कम 10 से 15 हज़ार रूपए आरक्षित मूल्य से अधिक बाेली दी गई।
इन लाेगाें का कहना है कि अगले दिन जब अखबारों में छपी खबर देखी ताे उनके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई, क्याेंकि कुछ बूथों पर आरक्षित मूल्य (रिर्जव प्राईस) से केवल 5-7 हज़ार अधिक बाेली को स्वीकार कर लिया गया। जाे कि उनके साथ सरासर धक्का है। इसलिए इस बाेली काे रद्द करके दाेबारा से नई बाेली करवाई जानी चाहिए।
इस संबधी जब संबंधित एसडीएम से इस मामले की जानकारी लेने के लिए फोन किया गया ताे उन्हाेंने फाेन नहीं उठाया, जिससे उनका पक्ष प्राप्त नहीं हाे सका। जैसे ही उनका पक्ष प्राप्त हाेगा उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।
पढ़ें बूथाें के लिए बाेली देने वाले सफल बाेलीदाताओं द्वारा डीसी काे दिए गए पत्र की कापी
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