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(EXCLUSIVE) PPR MALL में कभी भी बन सकती है विस्फाेटक स्थित, बारूद के ढेर पर चल रहे काराेबार !

PUBLISH DATE: 02-12-2022

फायर सेफ्टी सहित कई अन्य नियमाें काे सरेआम किया जा रहा दरकिनार !
सैटिंग, पैसे व ऊंचे रसूख के दम पर हर बार ठंडे बस्ते में डल रही शिकायतें !


 



जालंधर, 2 दिसंबर (कुमार अमित)


 


जालंधर के मश्हूर PPR MALL का विवादाें के साथ चाेली दामन का साथ बना हुआ है। आए दिन यहां काेई न काेई लड़ाई-झगड़ा या फसाद देखने काे मिलता रहता है। चाहे सरेआम गाड़ियाें में शराब पिलाने का मामला हाे, चाहे असामजिक तत्वाें द्वारा मारपीट करने या गाेली तक चलाने का मामला हाे, चाहे शहर की सबसे पाश मार्किट में सैक्स मसाज पार्लर चलाने का मामला हाे, चाहे अपनी ही मार्किट के एक दुकानदार के ऊपर कुछ अन्य दुकानदाराें द्वारा मारपीट करने व गन दिखाकर धमकाने जैसा गंभीर मामला हाे, यहां किसी भी समय हालात खराब हाे सकते हैं।


 





 


हालात यह बन चुके हैं, कि किसी भी समय यहां विस्फाेटक स्थित बन सकती है, जिसे संभालना प्रशासन के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हाे सकता है।

इस पूरे मामले में सबसे अधिक हैरान करने वाली बात है कि सैंकड़ाें की गिनती में शिकायतें आने एवं दर्जनाें बार बड़े विवाद हाेने के बावजूद आज तक दाेषियाें के खिलाफ काेई ठाेस कारवाई की नहीं जाती। क्याेंकि कहीं न कहीं इस मार्किट काे डिवैल्प करने वाले ग्रुप जिसके मालिक शहर में बड़ा नाम रखते हैं, उनकी ऊंची पहुंच, सैटिंग, पैसाें की ताकत व राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासनिक अधिकारी हर बार इस मामले काे नज़र अंदाज़ करके हर शिकायत काे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।


 



 


क्या है ताज़ा मामला, क्याें एक बार फिर पीपीआर माल आया सुर्खियाें में ?


 


ताज़ा मामले की बात करें, ताे शुक्रवार काे फायर डिपार्टमैंट की तरफ से यहां एक चैकिंग अभियान चलाया गया। जिस दौरान बहुत बड़े स्तर पर फायर सेफ्टी नियमाें (प्राेटाेकाल) के उल्लंघन का मामला सामने आया। 

दरअसल पूरे पीपीआर मामल में लगभग 50 खाने-पीने वाले छाेटे-बड़े ज्वाएंटस हैं। इन सभी के अंदर खाना पकाने के लिए गैस-सिलैंडर का इस्तेमाल किया जाता है। हर दुकान में 2 से लेकर 10 सिलैंडर इस्तेमाल किए जाते हैं। 

ऐसे में अगर बिल्डंग के अंदर एवं दुकानाें के अंदर फायर सेफ्टी नियमाें का पालन सही ढंग से न किया जाए, ताे यह कहना गल्त नहीं हाेगा, कि पूरी मार्किट में बारूद के ढेर पर काराेबार किया जा रहा है।

विभाग की तरफ से काफी खामियां पाए जाने के बाद फिल्हाल ताे मामूली कारवाई जैसे वार्निंग या चालान काटकर खानापूर्ती कर दी गई है। मगर आने वाला समय ही बेहतर बताएगा कि यहां नियमाें का पालन सुनिश्चित किया जाता है या एक बार फिर से बिल्डिंग बनाने वाले शहर के रसूखदाराें के राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले काे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। 



 



पीपीआर मार्किट एसाेसिशन एवं प्रबंधन ने करवाई इंस्पैक्शन - जीऐस राजा


एक तरफ जहां पीपीआर माल के दुकानदाराें का एक धड़ा इसे शिकायत के बाद की गई कारवाई और फायर सेफ्टी नियमाें के उल्लंघन बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पीपीआर मार्किट एसाेसिशन एवं प्रबंधन की तरफ से एक प्रैस-विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया है, कि उनकी तरफ से फायर आफिसर जे एस  काहलों और उनकी टीम के सहयाेग के साथ एक Anti Fire System इंस्पेक्शन करवाई गई। और पीपीआर Market में किसी भी अनहोनी के  ख़तरे को टालने के लिए विभाग के साथ पूरा साथ देने का आश्वाशन भी दिया गया।

इसके साथ ही आने वाले दिनों में पीपीआर मार्केट के सभी Restaurant और Food Joints की एक अहम Workshop बुलाकर Fire Brigade Jalandhar की और से खास ट्रेनिंग दी जायेगी, ताकि ज़रूरत पड़ने पर यह काम आ सके।


इस अवसर पर अन्याें के इलावा एसाेसिएशन के प्रधान जीएस राजा, चेयरमैन संदीप साेनी, कैशियर सुनील गिल्हाैत्रा, सैक्रेटरी संजीव शर्मा एवं अन्य काेर कमेटी सदस्य भी उपस्थित थे।


 


प्रंबधन एवं एसाेसिशन पर अधिकारियाें काे गुमराह करने के लग रहे गंभीर आराेप !


 


पीपीआर माल के ही कुछ दुकानदाराें द्वारा अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर उनसे प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस जगह फायर विभाग की तरफ से चैकिंग की गई, उस बिल्डिंग में फायर सेफ्टी प्राेटाेकाल का पालन सही ढंग से नहीं किया गया।


इतना ही नहीं विभाग के अधिकारियाें काे गुमराह करने जैसे गभीर आराेप भी पीपीआर माल प्रबंधन एवं एसाेसिएशन के ऊपर लग रहे हैं। क्याेंकि माल के अंदर बनी नई बिल्डंग जहां चाय वाला, याे पिज्जा आदि चल रहे हैं, वहां पर न ताे आग से निपटने के लिए काेई इंतज़ाम किए गए हैं और न ही बिल्डिंग बायलाज़ का भी पालन किया गया है। 


नियमानुसार जिस प्रकार से किसी भी ऐसी बिल्डंग में फायर की आपातकालीन हालात से निपटने के लिए समुचित पानी की टंकी, पाईपलाईन सिस्टम, आग बुझाने वाले यंत्र, रेत से भरी बाल्टियां इत्यादि ज़रूरी चीजें हैं, उनका सही ढंग से पालन नहीं किया गया। 


इसी कारण से जब फायर विभाग के अधिकारी उक्त बिल्डिंग में चैकिंग के लिए गए, ताे उन्हें सामने वाली साईड पर बनी पुरानी बिल्डिंग के पानी वाली पाईप चैक करवाकर पर्दा डालने की काेशिश की गई।


जबकि पीपीआर माल प्रबंधन का कहना है कि यह सरासर बेबुनियाद है और उनकी तरफ से हर नियम का पूरा ख्याल रखा गया है। 


 


हमें किसी ने नहीं बुलाया, हम खुद गए, बड़े स्तर पर पाया गया उल्लंघन - जसवंत सिंह


फायर अफसर जसवंत सिंह से जब इस बारे में बात की गई, ताे उन्हाेंने कहा कि उन्हें एसाेसिएशन की तरफ से नहीं बुलाया गया था, बल्कि वह खुद वहां चैकिंग के लिए गए थे। चैकिंग के दाैरान सबसे बड़ी बात जाे उभरकर सामने आई, कि पीपीआर माल के अंदर बिल्डंग बनाने वाली कंपनी द्वारा इसका निर्माण करते समय प्राेवीज़नल फायर एनओसी ली गई थी, और बाद में दुकानें व दफ्तर बेचने के बाद दुकानाें के मालिकाें द्वारा अपने-अपने स्तर पर फायर एनओसी लेनी अनिवार्य थी, जाे नहीं ली गई। ऐसे में सरकार के रैवेन्यु का भी बहुत बड़ा नुक्सान हाेना पाया गया है।